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About Us

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हमारे बारे में - जयशिव सोशल वेलफेयर फाउंडेशन

जयशिव सोशल वेलफेयर फाउंडेशन (पैन: AAFCJ9503R) एक पंजीकृत चैरिटेबल संगठन है, जिसका उद्देश्य समाज के पिछड़े और जरूरतमंद वर्गों को शिक्षा, कौशल विकास, सामाजिक सहयोग और वित्तीय सहायता के माध्यम से सशक्त बनाना है। हमारा मुख्यालय 03, ग्राम धुमरी पश्चिम टोला, डुमरी सिमरी, डुमरी S.O (बक्सर), बिहार-802120 में स्थित है।

फाउंडेशन भारत सरकार के NITI Aayog NGO Darpan Portal (Unique ID: BR/2024/0406962), Ministry of Social Justice & Empowerment e-Anudaan (NGO ID: BR/00036595) और Income Tax Department द्वारा मान्यता प्राप्त है। संस्था को धारा 80G के अंतर्गत (Approval No: AAFCJ9503RF20241) AY 2024-25 से AY 2026-27 तक के लिए प्रावधानिक स्वीकृति प्राप्त है।

हमारा उद्देश्य और मिशन

    मिशन: जयशिव सोशल वेलफेयर फाउंडेशन का मिशन शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों के माध्यम से एक आत्मनिर्भर और सशक्त समाज का निर्माण करना है।

    दृष्टि: ऐसा समाज बनाना जहां हर व्यक्ति, चाहे वह किसी भी सामाजिक या आर्थिक पृष्ठभूमि से हो, गरिमा और आत्म-सम्मान के साथ आगे बढ़ सके।

सदस्यों को मिलने वाले प्रमुख लाभ

जयशिव सोशल वेलफेयर फाउंडेशन अपने सदस्यों और समाज को निम्नलिखित लाभ प्रदान करता है:

  • शिक्षा सहायता: जरूरतमंद विद्यार्थियों को नि:शुल्क शिक्षा सामग्री और छात्रवृत्ति उपलब्ध कराई जाएगी।
  • स्वास्थ्य सेवाएं: ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में स्वास्थ्य शिविर, नि:शुल्क दवा वितरण और जांच सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी।
  • आपातकालीन सहायता: आपात स्थितियों में त्वरित आर्थिक और चिकित्सकीय सहायता प्रदान की जाएगी।
  • प्रशिक्षण और कौशल विकास: युवाओं और महिलाओं को कंप्यूटर, सिलाई-कढ़ाई, हस्तशिल्प, कृषि आदि क्षेत्रों में प्रशिक्षण दिया जाएगा।
  • सामाजिक सुरक्षा: असहाय और कमजोर वर्गों को सहयोग और पुनर्वास सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी।
  • ग्रामीण विकास: ग्राम स्तर पर जागरूकता अभियान, स्वच्छता अभियान और आत्मनिर्भरता परियोजनाएं चलाई जाएंगी।

फाउंडेशन के प्रमुख कार्यक्षेत्र

  • शिक्षा: पंचायत और जिला स्तर पर स्कूल/शैक्षणिक केंद्र स्थापित करना।
  • स्वास्थ्य: कैंसर, मधुमेह, नेत्र रोग और हृदय रोग जैसी बीमारियों के लिए विशेष स्वास्थ्य कार्यक्रम।
  • महिला सशक्तिकरण: महिलाओं को स्वरोजगार हेतु प्रशिक्षण व आवश्यक संसाधन प्रदान करना।
  • कृषि और किसान सहायता: जैविक खेती को बढ़ावा देना और किसानों को आधुनिक तकनीक की जानकारी देना।
  • कौशल विकास: ग्रामीण युवाओं को तकनीकी और व्यावसायिक शिक्षा प्रदान करना।
  • सामाजिक कल्याण: अनाथ, वृद्ध और दिव्यांगजनों की सहायता हेतु कल्याणकारी योजनाएं।
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